चौपाई छंद की परिभाषा उदाहरण सहित | Chaupai chhand with example in hindi

चौपाई क्या है ?

          दोस्तों अगर आपको हिंदी व्याकरण में जानना चाहते हैं कि चौपाई क्या है ?  what is chaupai in hindi तो हम आपको बता दें कि चौपाई एक प्रकार का छंद होता है, छंद को हम अंग्रेजी में METRES  कहते हैं। छंद के कई भेेेद होते हैंं जैसे- दोहा, सोरठा, कुुंडलिया आदि इन्ही भेदो में से चौपाई भी एक प्रकार का छंद होता है।

हिंदी साहित्य में महाकवि तुलसीदास से पूर्व भी चौपाई छंद का प्रयोग कवियों ने किया हैं जिनमें मालिक मुहम्मद जायसी  का नाम उल्लेखनीय है, जायसी  ने अपनी कृति पद्मावत में चौपाई का प्रयोग किया था। 

चौपाई छंद की परिभाषा :

" चौपाई एक सम मात्रिक छंद होता है, चौपाई में चार चरण होते हैं और प्रत्येक चरण में १६-१६ मात्राएँ होती हैं चौपाई के अंत में गुरु (S) होता है। "

चौपाई छंद का उदाहरण : 

                           अगर हम चौपाई छंद के उदाहरण की बात करें  तो बहुत सारे हमारे धार्मिक ग्रन्थ हैं जो चौपाई छंद में ही लिखे गए हैं जैसे - रामचरितमानस, हनुमान चालीसा, शिव चालीसा, दुर्गा चालीसा एवं अन्य, तो हम यहाँ पर हनुमान चालीसा का एक उदाहरण देखते हैं ये है 

चौपाई छंद का सरल उदाहरण 

।  संकट कटै मिटै सब पीरा जो सुमिरै हनुमंत बल बीरा ।। 


चौपाई छंद के १० उदाहरण


            हिन्दुओं में ये मान्यता है कि अगर रामायण की चौपाइयों का नित्य जाप करें तो सब कार्य सिद्ध हो सकते हैं, और हमारी सारी मनोकामना पूरी हो सकती है लेकिन तुलसीदास रचित रामचरितमानस में किसी खास मनोकामना के लिए खास चौपाई भी लिखी गयी है, कुछ चौपाइयां नीचे  लिखी गयी हैं जो किसी विशेष फल प्राप्ति के लिए हैं - 

रामायण की कल्याणकारी चौपाई :


विद्या प्राप्ति के लिए चौपाई :

गुरु गृह गए पढ़न रघुराई। 
अल्प काल विद्या सब आई।।

लक्ष्मी प्राप्ति के लिए चौपाई  :

     "  जिमि सरिता सागर महुँ जाहीं। जद्यपि ताहि कामना नाहीं।
  तिमि सुख सम्पति बिनहिं बोलाएँ। धरमसील पहिं जाहिं सुभाएँ।। "

पुत्र प्राप्ति के लिए चौपाई  : 

एहि विधि गर्भसहित सब नारी। 
भई ह्रदय हर्षित सुख भारी। 
जा दिन तें  हरि गर्भहिं आए। 
सकल लोक सुख सम्पति छाए। 

संकट हरण चौपाई :

दीनदयाल बरदु सम्भारी। 
हरहु नाथ मम संकट भारी।।

विवाह के लिए चौपाई :

सुनि  सिय सत्य असीस हमारी। 
पूजहिं मन कामना तिहारी।। 

शत्रु नाश के लिए चौपाई : 

जाके सुमिरन तें रिपु नासा।  
नाम शत्रुहन बेद प्रकासा।। 

लड़के के जन्मोत्सव के लिए चौपाई : 

सुनि शिशु रुदन परम प्रिय बानी।
संभ्रम चलि आईं सब रानी। 
हरषित जहँ तहँ धाईं दासी। 
आनंद मगन सकल पुरबासी।  

   
                अरे भाई कुछ लोगों को तो यही पता है कि रामायण के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं तो यहाँ हम आपका संदेह दूर कर देते हैं रामायण के रचयिता तुलसीदास नहीं बल्कि महृषि वाल्मीकि जी हैं, रामायण संस्कृत भाषा में  लिखी गयी है, और तुलसीदास जी ने  रामचरितमानस लिखी है जो कि हिंदी (अवधि ) भाषा में है।  

Tulsidas chuapi
गोस्वामी तुलसीदास 

              ग्रन्थ                                                   रचयिता              

१.  रामायण                    -                महर्षि वाल्मीकि। 
२. राम चरित मानस          -            महाकवि तुलसीदास। 


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      रामचरितमानस के अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न  :

     1. प्रश्न : रामचरितमानस में राम शब्द कितने बार आया है। 
     
        उत्तर :  1443 
     
     2. प्रश्न : रामचरितमानस में कुल कितनी चौपाई हैं।
    
        उत्तर : 4608 

     3. प्रश्न  : रामचरितमानस में कुल कितने दोहे हैं। 
     
       उत्तर : 1074 
     
    4.  रामचरितमानस में कुल कितने सोरठे हैं।           
    
        उत्तर : 207 


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